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तालुका स्तर का 73 वां वनमहोत्सव राज्य के वित्त मंत्री श्री कनुभाई देसाई के हाथों पारडी तालुका के उमरसाडी की जे. वी. बी. एस हाई स्कूल में आयोजित किया गया. 

तालुका स्तर का 73 वां वनमहोत्सव राज्य के वित्त मंत्री श्री कनुभाई देसाई के हाथों पारडी तालुका के उमरसाडी की जे. वी. बी. एस हाई स्कूल में आयोजित किया गया.
समग्र जीवनसृष्टि के लिए पर्यावरण एक महत्वपूर्ण कारक है, आइए अधिक से अधिक पेड़ लगाकर पर्यावरण को बचाएं – मंत्री कनुभाई देसाई
 वलसाड – पर्यावरण सभी जीवों के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है। पर्यावरण को बचाने के लिए वर्षों से प्रयास किए जा रहे हैं। गुजरात के पनोता पुत्र स्व. श्री कनैयालाल मानेकलाल मुंशी ने वर्ष 1950 से गुजरात राज्य को हरा-भरा बनाने के लिए वन उत्सव की शुरुआत की थी, यह बात वलसाड जिले के पारडी तालुका के उमरसाडी के जे.वी. बी. एस. हाई स्कूल में 73 वें पारडी तालुका वन महोत्सव के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में वित्त मंत्री कनुभाई देसाई ने कहा। इस अवसर पर मंत्रियों एवं गणमान्य व्यक्तियों ने हाई स्कूल के प्रांगण में वृक्षारोपण किया। पारडी तालुका पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मितलबेन पटेल, जिला पंचायत सदस्य मुकेशभाई पटेल, शीतल बेन पटेल तालुका संगठन प्रमुख महेशभाई देसाई उपस्थित थे। इस अवसर पर मंत्रियों एवं गणमान्य व्यक्तियों ने लाभार्थियों को निधूर्म चूला एवं आम की फली वितरित किया । देश के प्रधान मंत्री और तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री नरेंद्र भाई मोदी ने राज्य की राजधानी गांधीनगर में नहीं बल्कि राज्य के जिले में वन उत्सव की परंपरा शुरू की है जो आज भी कायम है। देश के प्रधानमंत्री के कार्यकाल में विभिन्न वनों जैसे सांस्कृतिक वन, औषधीय वन आदि को लोगों को हमारी संस्कृति के महत्व को समझाने के लिए तैयार किया गया है। अब तक 22 ऐसे वन तैयार किए जा चुके हैं। वलसाड जिले में भी कपराड़ा में आम्रवन को तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने खोला था। और इसी तरह नवसारी जिले में भी माता सीता की स्मृति में जानकी वन तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में अधिक पेड़ हैं और हरियाली को बनाए रखने के लिए प्रत्येक नागरिक को अपने जन्मदिन, शादी की सालगिरह या अपने रिश्तेदारों की याद में पेड़ लगाने का फैसला करना चाहिए और इन पेड़ों को भी संरक्षित करना चाहिए।
आज पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन से डरी हुई है तो पूरे विश्व में पर्यावरण की चिंता कर पर्यावरण की रक्षा के लिए उन्होंने जो जागरूकता दिखाई है उसके लिए देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र भाई मोदी को पुरस्कार दिया गया है। प्रदेश में वर्ष 2001 में कच्छ जिले में आए भूकंप में मानव मृत्यु एवं पशु मृत्यु की दर्दनाक घटना की स्मृति में कच्छ जिले में जो स्मारक तैयार किया गया है जिसे आगामी तिथि 27 अगस्त के दिन लोकार्पण किया जाएगा।
इस अवसर पर सामाजिक वनीकरण विभाग की मददनीश वनरक्षक जीनलबेन भट्ट ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि चालू वर्ष के दौरान विभाग द्वारा जिले की 14 नर्सरी में विभिन्न प्रजातियों के 35.20 लाख पौधे लगाए गए हैं। विभाग की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से जिले में कुल 828 हेक्टेयर में कुल 7,53,132 पौधे रोपे जा रहे हैं. वलसाड जिले में तमाम जिलों की अपेक्षा जंगल विस्तार में और बाहर के विस्तार में से वन आवरण का घनत्व सबसे अधिक है, जिससे जिले में  69 पेड़ प्रति हेक्टेयर है। कृषि वानिकी योजना के तहत ग्राम पंचायत एवं किसानों की भूमि पर वन विभाग द्वारा कुल 400 हेक्टेयर में नीलगिरि, शारू, बबूल आदि के कुल 4 लाख पौधे रोपे जा रहे हैं. वर्तमान में वृक्षों की खेती योजना के तहत 2240 हेक्टेयर किसानों की भूमि में 24,000,000 पौधे रोपने का कार्य चल रहा है।
इस कार्यक्रम का संचालन हाई स्कूल की स्मृति देसाई ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन आर. एफ. ओ. डी. टी. कोकंनी ने किया।
कार्यक्रम में पारडी के प्रांतीय अधिकारी डी. जे. वसावा, हाई स्कूल के प्रिंसिपल विजयभाई पटेल, स्कूल परिवार के शिक्षक के साथ-साथ वन विभाग के कर्मचारी और हाई स्कूल के छात्र उपस्थित थे।

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