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Friday, Apr 26, 2024
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उमरगांव तालुका के घोडीपाडा में केंद्रीय मत्स्यपालन मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला की अध्यक्षता में सागर परिक्रमा 2022 का समापन समारोह आयोजित किया गया।

किसान क्रेडिट कार्ड और प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के 17 लाभार्थियों को 7.58 लाख रूपये की साधन सहायता का वितरण मंत्रियों और गणमान्य व्यक्तियों द्वारा किया गया।
केंद्र सरकार ने देश के किसानों के जैसे मछुआरों को भी शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर दो लाख रुपये की ऋण सहायता दी है।
प्रधानमंत्रीश्री नरेंद्रभाई मोदी ने मछुआरा समुदाय के विकास के लिए केंद्र सरकार में एक अलग मत्स्य विभाग का शुभारंभ किया।
पी. एम. मत्स्य संपदा योजना के तहत 20 करोड़ रुपए का मातबर बजट आवंटित – केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपला
उमरगांव। देश को विदेशी मुद्रा प्रदान करने वाले मछुआरा समुदाय के सर्वांगीण विकास के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्रभाई मोदी ने केंद्र सरकार में मत्स्य उद्योग का एक अलग विभाग शुरू किया और इसके लिए 20 हजार करोड़ रुपये का मातबर बजट आवंटित किया गया है, यह बात आज सागर परिक्रमा यात्रा – 2022 वलसाड जिला के उमरगांव तालुका में धोडीपाडा के सांस्कृतिक भवन में समापन समारोह में केंद्रीय मत्स्यपालन मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा।
इस समारोह में केंद्रीय मंत्री द्वारा मछुआरा समाज के 17 लाभार्थियों को 7.58 लाख रुपये और 404 की विभिन्न योजना उपकरण सहायता वितरित की गई। जिसमें फिशिंग बोट वायर रोप की खरीदी पर सहाय का 5 लाभार्थियों को 2.50 लाख रुपये की सहायता, मछली पकड़ने वाली नौकाओं के लिए प्लास्टिक कैरेट की खरीद पर सहायता के 7 लाभार्थियों को 62,573 रूपये,  भांभरा जल इनपुट सहायता के एक लाभार्थी को  4, 11, 431 रूपये स्वीकृत आदेश, दो लाभार्थियों को 14,400 रुपये की आर्थिक सहायता के साथ-साथ 20,000 रुपये का जी. पी. एस. सहायता के दो लाभार्थी शामिल है। इस अवसर पर राज्य के आदिवासी विकास मंत्री एवं वलसाड के जिला प्रभारी मंत्री नरेशभाई पटेल, वित्त, ऊर्जा एवं पेट्रोरसायन मंत्री कनुभाई देसाई और राज्य के मत्स्य पालन मंत्री जीतूभाई चौधरी सहित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने गुजरात में क्रांति से शांति की थीम पर आयोजित यह सागर परिक्रमा यात्रा 2022 के दूसरे चरण की यात्रा 22 सितंबर 25 सितंबर तक आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी ने देश के 8000 किमी के समुद्र तट पर रहने वाले उन मछुआरों के लिए जो समुद्र के तट पर रहते हैं और जो समुद्र के किसान हैं, अपने परिवारों की स्थिति जानने और व्यक्तिगत रूप से जाकर उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए इस यात्रा का आयोजन किया गया है।
देश के किसानों की तरह मछुआरों को भी 2 लाख रुपये की शून्य प्रतिशत ऋण सहायता दी गई है, जिसमें केंद्र सरकार 3 प्रतिशत और राज्य सरकार 4 प्रतिशत ब्याज सहायता प्रदान करती है। जिससे मछुआरे ब्याज के दुष्चक्र से मुक्त हो जाते हैं। यह बात मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा।
इस अवसर पर वलसाड जिला प्रभारी एवं आदिवासी विकास मंत्री नरेशभाई पटेल ने कहा कि वलसाड जिला 63 किमी. का समुद्र तट है। 22 मछली लैंडिंग केंद्रों के साथ-साथ 24 गांव समुद्री मत्स्य पालन गतिविधियों में शामिल हैं और मछुआरों की बस्ती 73845 है, जिनमें से 22863 सक्रिय मछुआर की बस्ती है। समुद्री मछुआरों के लिए समुद्र में जाने वाली यंत्रीकृत नौकाओं की संख्या 2572 और गैर यंत्रीकृत नौकाओं की संख्या 28 है।
इस अवसर पर वित्त मंत्री कनुभाई देसाई ने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्रभाई मोदी ने वर्ष 2002 से गुजरात सरकार में महिला एवं बाल विकास विभाग की शुरुआत महिलाओं के उत्थान के लिए किया। इसी प्रकार वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद देश के लोगों के लिए जनधन योजना के तहत खाता खुलवाकर लाभार्थियों के खाते में डी बी टी के माध्यम से सहायता पहुंचाकर बिचौलियों को दूर किया।
इस अवसर पर मत्स्य उद्योग राज्य मंत्री जीतूभाई चौधरी ने इस परिक्रमा यात्रा के दौरान केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला के साथ गुजरात के तट पर रहने वाले मछुआरों से आमने-सामने मुलाकात की और उनके सवालों को सुना और उनकी समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया।
 इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 39 फ्लोटिंग जेट्टी को मंजूरी दी गई है और वर्तमान में वलसाड जिले के पारडी तालुका के उमरसाडी और चोरवाड़ में जेट्टी का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
इस अवसर पर वलसाड सांसद डॉ. के. सी. पटेल, उमरगाम और वलसाड के विधायक, सर्वश्री रमनलाल पाटकर और भरतभाई पटेल ने प्रासंगिक व्याख्यान दिए।
इस कार्यक्रम में वलसाड जिला पंचायत अध्यक्षा श्रीमती अलकाबेन शाह, धरमपुर विधायक अरविंदभाई पटेल, उमरगाम तालुका पंचायत अध्यक्ष रमेशभाई धांगड़ा, जिला संगठन अध्यक्ष हेमंतभाई कंसारा, केंद्र सरकार के मत्स्य संयुक्त सचिव डॉ. जे. बालाजी, मत्स्य पालन निदेशक नितिन सांगवान, वलसाड कलेक्टर श्रीमती क्षिप्रा आग्रे, जिला विकास अधिकारी मनीष गुरवानी, पारडी प्रान्तीय अधिकारी डी. जे. वसावा, मत्स्य पालन के सहायक निदेशक भारतीबेन पटेल, पारडी मामलातदार आर. आर. चौधरी और उमरगाम तथा आसपास के क्षेत्रों के प्रमुख नागरिकों के साथ-साथ मछली पकड़ने वाले समुदाय के भाई-बहन और ग्रामीण मौजूद थे।

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